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किसान भाई लाल भिंडी के औषधीय गुणों की वजह से इसकी खेती कर मोटा मुनाफा कमा सकते हैं

किसान भाई लाल भिंडी के औषधीय गुणों की वजह से इसकी खेती कर मोटा मुनाफा कमा सकते हैं

कृषक भाई लाल भिंडी की खेती कर बेहतरीन आमदनी कर सकते हैं। इसका फायदा औषधियों में भी किया जाता है। भिंडी की सब्जी का स्वाद अधिकतर लोगों को काफी भाता है। 

परंतु, वर्तमान में किसान भाई हरी भिंडी के स्थान पर लाल भिंडी की खेती कर बेहतरीन मुनाफा अर्जित कर सकते हैं। एक एकड़ भूमि में लाल भिंडी 40 से लेकर 45 दिन में पकने लग जाती है, जो 40 से लेकर 45 क्विंटल तक पैदावार देती है। इस भिंडी का स्वाद भी सामान्य भिंडी से बेहद अच्छा होता है। 

आगे इस लेख में हम बात करेंगे लाल भिंडी के कुछ मुख्य गुणों के बारे में। साथ ही, किसान भाई इससे हरी भिंडी की तुलना में कितना मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। हरी भिंडी के मुकाबले में लाल भिंडी काफी ज्यादा फायदेमंद होती है। 

साथ ही, इसकी फसल आम भिंडी की अपेक्षा में शीघ्रता से खड़ी हो जाती है। लाल भिंडी की फसल से मोटी आमदनी करने के लिए इस प्रकार फसल की बिजाई करें। 

बतादें, कि लागत एवं कमाई लाल भिंडी के औषधीय गुणों की वजह से बड़े-बड़े शहरों में इसकी मांग बनी रहती है। लाल भिंडी के एक किलो बीज 2400 रुपये तक की कीमत में मिलते हैं, जो आधा एकड़ भूमि में बोया जा सकता है। 

लाल भिंडी की तुलना में हरी भिंडी की कीमत पांच से सात गुना ज्यादा होती है। 250 से 300 ग्राम लाल भिंडी का भाव 300-400 रुपये तक होता है। परंतु, हरी भिंडी 40 से 60 रुपये प्रति किलो बेची जाती है।

लाल भिंडी में अद्भुत गुण क्या-क्या हैं

  • लाल भिंडी की एक खासियत यह है कि वह हरी भिंडी से ज्यादा जल्दी पककर तैयार होते हैं।
  • लाल भिंडी भोजन का जायका और स्वाद बढ़ाता है तथा औषधियों में भी उपयोग होता है।
  • लाल भिंडी की फसल में कीड़े एवं बीमारियां लगने की काफी कम संभावना होती है, इस वजह से कीटनाशकों का खर्चा भी कम होता है।
  • एक एकड़ जमीन में 40 से 45 दिन में लाल भिंडी पकने लगती हैं, जो 40 से 45 क्विंटल उपज देती है।
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लाल भिंडी शुगर लेवल को नियंत्रण में रखती है

जानकारों का कहना है, कि स्वाद में यह हरी भिंडी के जैसी ही होती है। इसमें हरा, काला, लाल सभी तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। इस भिंडी में अलग से एक जीन डालने की वजह से इसका रंग लाल हो गया। 

बतादें, कि इसमें क्रूड फाइबर होता है, जिससे शुगर लेवल नियंत्रण में रहता है। इस सब्जी के अंदर बीकम्पलेक्स भी भरपूर मात्रा में होती है।

सेहत के लिए फायदेमंद कुमकुम भिंडी की इस किस्म से किसान मोटा मुनाफा कमा सकते हैं

सेहत के लिए फायदेमंद कुमकुम भिंडी की इस किस्म से किसान मोटा मुनाफा कमा सकते हैं

भारत में कृषि संबंधित नित नए दिन नवाचार किए जा रहे हैं। नित नई फसलों का उत्पादन किया जा रहा है। इसी कड़ी में आजकल कुमकुम भिंडी काफी चर्चा की बात बनी हुई है। लाल भिंडी के आमदनी से लगाकर स्वास्थ्य तक विभिन्न फायदे हैं। विदेशों में भी इस भिंडी की माँग में काफी वृध्दि हो रही है। ऐसी स्थिति में लाल भिंडी का उत्पादन करके किसान भाई बेहतरीन आय कर सकते हैं।

लाल भिंडी सेहत के लिए काफी अच्छी होती है

भारत में फिलहाल स्वास्थ्य के तौर पर कृषि की जा रही है मतलब कि किसान स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद फसलों को अधिक महत्त्व दिया जा रहा है। इस स्थिति में कुमकुम भिंडी के उत्पादन की तरफ काफी रुख किया जा रहा है। वह इसलिए कि इसमें एंटीऑक्सीडेंट एवं आयरन प्रचूर मात्रा में पाया जाता है। लाल भिंडी में लगभग 94 फीसद पॉली अनसैचुरेटेड फैट पाया जाता है। जो कि बेकार कोलेस्ट्रॉल का खात्मा करने में सहायता करता है। साथ ही, लाल भिंडी 66 फीसद सोडियम की मात्रा हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायता करती है। इसका सेवन करने से मेटाबॉलिक सिस्टम अच्छा रहता है।

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किसान नवीन तकनीक से उत्पादन कर आलू, मूली और भिंडी से कमाएं बेहतरीन मुनाफा साथ ही, आयरन एनीमिया की कमी को दूर करने में सहयोगी साबित होती है। केवल यही नहीं इसके अंदर एंथोसायनिन एवं फेनोलिक्स पाया जाता है। जो कि आवश्यक पोषक मूल्य में वृद्धि करता है। विटामिन बी कॉम्‍प्‍लेक्‍स भी उपस्थित रहता है, फाइबर शुगर को भी कम करे। इन विभिन्न गुणों के चलते कुमकुम भिंडी की माँग अधिक रहती है। इन्हीं समस्त गुणों की वजह से किसानों को कुमकुम भिंडी की कृषि के संबंध में जानकारी प्रदान कर रहे हैं।

लाल भिंडी की अच्छी पैदावार के लिए कैसी मृदा होनी चाहिए

कुमकुम भिंडी का उत्पादन करने हेतु बलुई दोमट मृदा सर्वोत्तम मानी जाती है। बेहतर और गुणवत्ता वाले फल हेतु समुचित जल निकासी वाले खेत एवं खेत की मृदा का पीएच मान 6.5 से 7.5 के मध्य तक का होना आवश्यक है।

लाल भिंडी के उत्पादन के लिए कैसी जलवायु होनी चाहिए

खेती-किसानी करने हेतु गर्म एवं आर्द्र जलवायु अनुकूल रहती है। कुमकुम भिंडी का उत्पादन खरीफ एवं रबी दोनों ही ऋतुओं में किया जाता है। पौधे को ज्यादा वर्षा की आवश्यकता नहीं होती है। ज्यादा गर्मी एवं ज्यादा सर्दी कुमकुम भिंडी का उत्पादन करने हेतु बेहतर नहीं होगा। सर्दियों के दिनों में पड़ने वाले पाले से फसल को काफी हानि का सामना करना पड़ता है। पौधों की समुचित ढंग से प्रगति करने हेतु दिन में करीब 6 घंटे तक की धूप की आवश्यकता होती है।

लाल भिंडी के खेती के लिए कौन-सा समय उपयुक्त है

लाल भिंडी का उत्पादन वर्ष भर में दो बार किया जा सकता है। आपको बतादें कि कुमकुम भिंडी की बुवाई हेतु आदर्श वक्त फरवरी से आरंभ होकर अप्रैल के दूजे सप्ताह तक होता है। हालाँकि, किसान इसकी बुवाई जून से जुलाई माह में भी खेतों कर सकते हैं। दिसंबर-जनवरी माह में वृद्धि कम होगी। परंतु फरवरी माह से फल लगना शुरू हो जाएंगे, जो नवंबर माह तक मौजूद रहेंगे।
Red Ladyfinger: लाल भिंडी की खेती करना किसानों के लिए आय का बेहतरीन स्त्रोत है

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लाल भिंडी में क्लोरोफिल की जगह एंथोसाइनिन ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। इसी के चलते यह देखने में लाल लगती है। इसके साथ ही इसमें कैल्सियम, आयरन और जिंक ज्यादा पाए जाते हैं। 

भारत में किसान पारंपरिक खेती करने के बजाए अब बागवानी में ज्यादा रूची दिखा रहे हैं। हरियाणा, झारखंड, राजस्थान, बिहार और उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों में किसान आम, अमरूद, सेब, आंवला और हरी सब्जियों की खेती कर रहे हैं। 

इससे किसानों की इनकम भी पहले के मुकाबले बढ़ गई है। परंतु, आज हम एक ऐसी सब्जी के विषय में बात करेंगे, जिसकी खेती करने पर किसानों को कम खर्चा में बहुत ज्यादा आमदनी होगी। 

मुख्य बात है, कि यह एक ऐसी सब्जी है, जिसकी खेती वर्ष भर की जा सकती है और लोग उसे खाना भी काफी ज्यादा पसंद करते हैं।

लाल भिंडी में हरी भिंडी से ज्यादा कमाई है

दरअसल, हम लाल भिंडी के विषय में बात कर रहे हैं। इसकी खेती भी हरी भिंडी की भांति ही की जाती है। परंतु, इसमें आमदनी काफी है। लाल भिंडी का भाव हरी भिंडी की तुलना में बहुत ज्यादा होता है। 

अमीर और धनवान लोग ही लाल भिंडी खाते हैं। बहुत से राज्यों में किसान लाल भिंडी का उत्पादन भी कर रहे हैं। ऐसे भी लाल भिंडी में हरी भिंडी से ज्यादा विटामिन्स एवं पोषक तत्व विघमान रहते हैं। ऐसी स्थिति में यदि किसान भाई इसकी खेती करते हैं, तो उनकी निश्चित रूप से आय बढ़ जाएगी।

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लाल भिंडी की बिजाई और मृदा का PH मान

सामान्य तौर पर भिंडी की बुवाई वर्ष में दो बार की जाती है। एक ग्रीष्मकालीन भिंडी होती है, जिसकी बुवाई फरवरी और मार्च माह के दौरान की जाती है। 

दूसरी वर्षाकालीन भिंडी होती है, जिसकी खेती जून से लेकर जुलाई व अगस्त के पहले पखवारे तक कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में आप लाल भिंडी की खेती साल में दो बार कर सकते हैं। 

विशेष बात यह है, कि लाल भिंडी की बुवाई और सिंचाई भी हरी भिंडी की भांति की जाती है। लाल भिंडी की खेती के लिए दोमट मिट्टी उपयुक्त मानी गई है। इसके खेत में जल निकासी की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। 

क्योंकि खेत में जलभराव होने के उपरांत लाल भिंडी के पौधों को हानि पहुंचती है। हालांकि, लाल भिंडी की खेती के लिए मिट्टी का PH मान 6.5 से 7.5 मध्य होना चाहिए।

लाल भिंडी का प्रति एकड़ कितना उत्पादन होता है

लाल भिंडी में क्लोरोफिल की जगह एंथोसाइनिन ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। इसकी वजह से यह देखने में लाल लगती है। साथ ही, इसमें कैल्सियम, आयरन और जिंक काफी ज्यादा मात्रा में मौजूद होते हैं। 

ब ऐसी स्थिति में लाल भिंडी का सेवन करने से शरीर स्वस्थ और मजबूत रहता है। लाल भिंडी सदैव 100 रुपये किलो से अधिक महंगी बिकती है। साथ ही, ज्यादा महंगाई बढ़ने पर इसका भाव 500 रुपये किलो भी हो जाता है। 

यदि किसान भाई एक एकड़ जमीन पर इसकी खेती करते हैं, तो एक सीजन में 50 से 60 क्विंटल लाल भिंडी का उत्पादन होगा। इस प्रकार आप केवल एक सीजन में लाल भिंडी बेचकर 25 लाख रुपये तक की आमदनी कर सकते हैं।